Ad 2
Ad 3

2.5 डिग्री तापमान बढ़ने से अचानक लुप्त होंगी 30 फ़ीसदी प्रजातियाँ

गाँव कनेक्शन | May 22, 2023, 13:58 IST
2.5 डिग्री तापमान बढ़ने से अचानक लुप्त होंगी 30 फ़ीसदी प्रजातियाँ
जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर में प्रजातियों को खतरा है। एक शोध में कहा गया है कि जल्द कुछ नहीं किया गया तो नतीजे ख़तरनाक होंगे।
वैज्ञानिकों ने आशंका ज़ाहिर की है कि पाँच साल में पृथ्वी का औसत तापमान 1.5 डिग्री की सीमा को पार कर जाएगा। अगर ऐसा होता है तो 15 फीसदी प्रजातियाँ खत्म हो जाएँगी। और धरती जैसे ही 2.5 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा गर्म होगी 30 फीसदी प्रजातियाँ ख़त्म हो जाएँगी। ये दावा यूनिवर्सिटी ऑफ केपटाउन, यूनिवर्सिटी ऑफ बफेलो और यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट ने एक शोध में किया है।

तीनों यूनिवर्सिटी के शोध में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा जिससे यह प्रजातियाँ सभी महाद्वीपों और समुद्र के किनारों से लुप्त हो जाएँगी। शोध में कहा गया है कि जब प्रजातियों के लिए गर्मी का स्तर उनकी सहनशक्ति से अधिक हो जाएगा तो यह ज़रूरी नहीं है कि उनकी मौत हो जाएगी, लेकिन इस बात के भी सबूत नहीं है कि वे ऊँचे तापमान से बच सकेंगी। रिपोर्ट की माने तो कई प्रजातियों को रहने लायक जगह नहीं मिल पाएगी।

नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन की नयी स्टडी अनुमान लगाती है कि कब और कहाँ जलवायु परिवर्तन से दुनिया भर में प्रजातियों को संभावित ख़तरनाक तापमान के संपर्क में आने की आशंका है।

365507-global-warming-endangered-species-university-of-cape-town-research-climate-change-1

जानवरों की 35 हज़ार से अधिक प्रजातियों को इस शोध में शामिल किया गया था।


यूसीएल सेंटर फॉर बायोडायवर्सिटी एंड एनवायरनमेंट रिसर्च के डॉ एलेक्स पिगोट कहते हैं, "इसकी संभावना कम है कि जलवायु परिवर्तन धीरे-धीरे जानवरों के जीवन को कठिन बना देगा, लेकिन कई जानवरों के लिए, उनकी भौगोलिक सीमा के बड़े पैमाने पर थोड़े समय में अप्रत्याशित रूप से गर्म होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।"

वे कहते हैं, "हालाँकि कुछ जानवर इन अधिक तापमानों में जीवित रहने में सक्षम हो सकते हैं, कई अन्य जानवरों को ठंडे क्षेत्रों में जाने या अनुकूलित करने के लिए विकसित होने की ज़रूरत होगी, जो इतने कम समय में हो पाना मुमकिन नहीं है। हमारे नतीज़े बताते हैं कि एक बार जब हम यह नोटिस करना शुरू करते हैं कि एक प्रजाति अपरिचित हालात झेलती है, तो बहुत कम समय में ये जगह उसके अनुकूल नहीं रहेंगी, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम पहले से ही पहचान लें कि आने वाले दशकों में कौन सी प्रजातियाँ ख़तरे में पड़ सकती हैं।"

Also Read: हर 20 साल में अप्रैल की तरह 30 गुना बढ़ सकती है प्रचंड गर्मी
शोधकर्ताओं का कहना है कि अचानक होने वाले एक्सपोज़र का यह स्वरूप राउंड प्लेनेट की एक ख़ासियत है। पृथ्वी के आकार के कारण, इन प्रजातियों के लिए ऐसे भी गर्म इलाके उपलब्ध हैं जो रोज़मर्रा की रहने वाली जगह से ज़्यादा गरम है, जैसा निचले इलाकों में या भूमध्य रेखा के पास का क्षेत्र।


हालही में विश्व मौसम संगठन ने अनुमान लगाया था कि अब से 2027 के बीच धरती का तापमान 19वीं सदी के मध्य की तुलना में सालाना 1.5 डिग्री से ज़्यादा पहुंच जाएगा। यह सीमा महत्वपूर्ण है क्योंकि 2015 के पेरिस समझौते में इसी 1.5 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान को दुनिया की सुरक्षा के लिए ख़तरनाक सीमा माना गया था और विभिन्न देशों ने वादा किया था कि इस सीमा को पार होने से रोकने के लिए कोशिश करेंगे।

Also Read: जलवायु शरणार्थी बनने पर क्यों मज़बूर हैं इस गाँव के लोग
Tags:
  • GlobalWarming
  • ClimateChange
  • story

About site

About site

Follow us
Contact
  • 011 - 43078133
  • sales@getm360123.com

© 2020 A Times Internet Company EDITED. All rights reserved. Copyright © 2020 M360