Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
चिल्का डेवलपमेंट अथॉरिटी चिल्का में मछली पकड़ने वाली बिल्लियों की हिफाजत के लिए पंचवर्षीय कार्य योजना पर काम कर रहा है। मछली पकड़ने वाली बिल्ली को आईयूसीएन रेड लिस्ट में लुप्तप्राय प्रजातियों के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जिसका मतलब है कि यह विलुप्त होने के एक बड़े खतरे का सामना कर रही है।
चिल्का डेवलपमेंट अथॉरिटी चिल्का में मछली पकड़ने वाली बिल्लियों की हिफाजत के लिए पंचवर्षीय कार्य योजना पर काम कर रहा है। मछली पकड़ने वाली बिल्ली को आईयूसीएन रेड लिस्ट में लुप्तप्राय प्रजातियों के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जिसका मतलब है कि यह विलुप्त होने के एक बड़े खतरे का सामना कर रही है।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
गोला एक पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल भंडारण सुविधा है जो कभी ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत आम है। इसे बांस से बनाया जाता है। फिर इसे मिट्टी और गाय के गोबर से लेप किया जाता है और इसके ऊपर फूस की छत होती है। इनमें धान और दूसरे अनाज कटाई के तुरंत बाद रखे जा सकते हैं। लेकिन, ये साइलो धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।
गोला एक पारंपरिक और पर्यावरण के अनुकूल भंडारण सुविधा है जो कभी ओडिशा के ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत आम है। इसे बांस से बनाया जाता है। फिर इसे मिट्टी और गाय के गोबर से लेप किया जाता है और इसके ऊपर फूस की छत होती है। इनमें धान और दूसरे अनाज कटाई के तुरंत बाद रखे जा सकते हैं। लेकिन, ये साइलो धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
ओडिशा में गहिरमाथा के शांत समुद्र तट पर इस बार लाखों की संख्या में ओलिव रिडले प्रजाति के कछुए अंडे देने के लिए इकट्ठा हुए हैं, जिसे ओडिशा में रिकॉर्ड संख्या में लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुए के अंडों देने को संरक्षणवादियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए अच्छी खबर के रूप में देखा जा रहा है। मानवीय गतिविधियो जैसे मछली पकड़ना, पर्यटन और ढांचागत परियोजनाओं के लिए घोंसले के समुद्र तटों का शोषण इन कछुओं के लिए एक गंभीर खतरा है।
ओडिशा में गहिरमाथा के शांत समुद्र तट पर इस बार लाखों की संख्या में ओलिव रिडले प्रजाति के कछुए अंडे देने के लिए इकट्ठा हुए हैं, जिसे ओडिशा में रिकॉर्ड संख्या में लुप्तप्राय ओलिव रिडले कछुए के अंडों देने को संरक्षणवादियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए अच्छी खबर के रूप में देखा जा रहा है। मानवीय गतिविधियो जैसे मछली पकड़ना, पर्यटन और ढांचागत परियोजनाओं के लिए घोंसले के समुद्र तटों का शोषण इन कछुओं के लिए एक गंभीर खतरा है।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में दो जर्मन शेफर्ड कुत्तों और छह ड्रोन कैमरों की मदद से जंगल की आग का पता लगाने और जंगलों में आग लगाने की कोशिश करने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए किया जा रहा है। पिछले साल, बेकाबू जंगल की आग से टाइगर रिजर्व तबाह हो गया था।
सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में दो जर्मन शेफर्ड कुत्तों और छह ड्रोन कैमरों की मदद से जंगल की आग का पता लगाने और जंगलों में आग लगाने की कोशिश करने वाले अपराधियों को पकड़ने के लिए किया जा रहा है। पिछले साल, बेकाबू जंगल की आग से टाइगर रिजर्व तबाह हो गया था।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
चांदी मेढा दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों के लिए चांदी की पारंपरिक सजावट है। ओडिशा के कटक में ये कारीगर सजावटी सामान बनाने पूरी तरह से व्यस्त हैं, जो 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले दुर्गा पूजा पंडालों को सजाएंगे।
चांदी मेढा दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों के लिए चांदी की पारंपरिक सजावट है। ओडिशा के कटक में ये कारीगर सजावटी सामान बनाने पूरी तरह से व्यस्त हैं, जो 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले दुर्गा पूजा पंडालों को सजाएंगे।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
ओडिशा में मुंडापोटा केला जनजाति की युवा पीढ़ी अपने बड़ों को हमेशा रोजी रोटी के लिए अपनी सांस रोक कर अपने सर को मिट्टी में दबाते देखा है। लेकिन इस समुदाय के कई सदस्य अब खजूर के पत्तों से चटाई और झाड़ू बना रहे हैं ताकि रोजाना की मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा सके। हालांकि, ये समुदाय अभी भी पीने के साफ पानी के लिए तरस रहा है।
ओडिशा में मुंडापोटा केला जनजाति की युवा पीढ़ी अपने बड़ों को हमेशा रोजी रोटी के लिए अपनी सांस रोक कर अपने सर को मिट्टी में दबाते देखा है। लेकिन इस समुदाय के कई सदस्य अब खजूर के पत्तों से चटाई और झाड़ू बना रहे हैं ताकि रोजाना की मूलभूत जरूरतों को पूरा किया जा सके। हालांकि, ये समुदाय अभी भी पीने के साफ पानी के लिए तरस रहा है।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
ओडिशा सरकार द्वारा जारी की गयी वार्षिक रिपोर्ट में डॉल्फिन की 6 प्रजातियां इरावदी, बॉटलनोज़, हम्पबैक, स्ट्रिप्टेड, फिनलेस और स्पिनर डॉल्फिन की संख्या को रिकॉर्ड किया गया है।
ओडिशा सरकार द्वारा जारी की गयी वार्षिक रिपोर्ट में डॉल्फिन की 6 प्रजातियां इरावदी, बॉटलनोज़, हम्पबैक, स्ट्रिप्टेड, फिनलेस और स्पिनर डॉल्फिन की संख्या को रिकॉर्ड किया गया है।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
ओडिशा में आदिवासी समाज के लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा महुआ भी होता है। लेकिन बाजार तक उनकी सीधी पहुंच न होने के कारण आदिवासियों को मजबूरी में महुआ 25 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिचौलियों को बेचना पड़ता है। वही बिचौलिये महुआ को शराब की दुकान पर दोगुने दाम में बेचते हैं।
ओडिशा में आदिवासी समाज के लोगों के जीवन का एक अहम हिस्सा महुआ भी होता है। लेकिन बाजार तक उनकी सीधी पहुंच न होने के कारण आदिवासियों को मजबूरी में महुआ 25 से 30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिचौलियों को बेचना पड़ता है। वही बिचौलिये महुआ को शराब की दुकान पर दोगुने दाम में बेचते हैं।
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
केंद्रपाड़ा जिले के पोसी का गाँव वैसे तो शांत-शांत सा रहता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा से पहले यहां काफी हलचल होने लगती है। कारीगर परिवार समुद्री उत्सव को मनाने के लिए पानी में चलने वाली छोटी नौका बनाने में व्यस्त हो जाते हैं
केंद्रपाड़ा जिले के पोसी का गाँव वैसे तो शांत-शांत सा रहता है, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा से पहले यहां काफी हलचल होने लगती है। कारीगर परिवार समुद्री उत्सव को मनाने के लिए पानी में चलने वाली छोटी नौका बनाने में व्यस्त हो जाते हैं
Tue, 13 Aug 2024
By Ashis Senapati
भारतीय रसोई में इसकी उपलब्धता खूब होती है, लेकिन विनम्र दिखने वाली लौकी को शायद ही कभी गंभीरता से लिया जाता है। हालांकि अपने स्वाद के लिए जानी जाने वाली ये सब्जी ओडिशा के आदिवासी तुम्बा कलाकारों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। वे इन सब्जियों को सुखाकर, तराशकर और रंगों से सजाकर उत्पाद बनाते हैं।
भारतीय रसोई में इसकी उपलब्धता खूब होती है, लेकिन विनम्र दिखने वाली लौकी को शायद ही कभी गंभीरता से लिया जाता है। हालांकि अपने स्वाद के लिए जानी जाने वाली ये सब्जी ओडिशा के आदिवासी तुम्बा कलाकारों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। वे इन सब्जियों को सुखाकर, तराशकर और रंगों से सजाकर उत्पाद बनाते हैं।